देवबंद (सहारनपुर)। नागरिकता संशोधन कानून, एनपीआर और संभावित एनआरसी को लेकर शिक्षण संस्था दारुल उलूम ने चुप्पी तोड़ते हुए देश के वर्तमान हालात पर चिंता जताई। संस्था के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने कहा कि आज मुल्क के जो हालात बने हुए हैं वो किसी से छुपे नहीं है।
रविवार को गणतंत्र दिवस पर दारुल उलूम में हुए कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मुफ्ती अबुल कासिम ने कहा कि गणतंत्र दिवस पर संविधान की सुरक्षा का संकल्प लिया गया। कहा कि वर्तमान में मुल्क के अंदर जिस तरह के हालात चल रहे हैं, वह किसी से छुपे नहीं हैं। कुछ ताकतें संविधान से हटाकर मनमाने तरीके पर मुल्क को चलाना चाहती है। जबकि मजहब की बुनियाद पर संविधान इस बात की कतई इजाजत नहीं देता है। दारुल उलूम के शेखुल हदीस मौलाना सलमान बिजनौरी ने कहा जिस तरह से मुल्क में जागरूकता आई है, इससे उन ताकतों को सबक मिलेगा जो मुल्क को संविधान के रास्ते से हटाना चाहती है।
सीएए और एनआरसी के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि देश के संविधान ने हमें इसका हक दिया है, लेकिन इस बात का ख्याल रखा जाना चाहिए कि विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्वक हो और इससे किसी को परेशानी न हो। मौलाना अब्दुल अब्बास ने कहा कि कुछ ताकतें देश को तोड़ना चाह रही है। तीन तलाक और अनुच्छेद-370 पर हम चुप रहे, लेकिन सीएए पर अब हम चुप नहीं बैठेंगे। जो लोग सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, हम उनके साथ है। देश को तोड़ने वाली ताकतों को उनके मंसूबों में किसी कीमत पर कामयाब नहीं होने दिया जाएगा।
रविवार को गणतंत्र दिवस पर दारुल उलूम में हुए कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मुफ्ती अबुल कासिम ने कहा कि गणतंत्र दिवस पर संविधान की सुरक्षा का संकल्प लिया गया। कहा कि वर्तमान में मुल्क के अंदर जिस तरह के हालात चल रहे हैं, वह किसी से छुपे नहीं हैं। कुछ ताकतें संविधान से हटाकर मनमाने तरीके पर मुल्क को चलाना चाहती है। जबकि मजहब की बुनियाद पर संविधान इस बात की कतई इजाजत नहीं देता है। दारुल उलूम के शेखुल हदीस मौलाना सलमान बिजनौरी ने कहा जिस तरह से मुल्क में जागरूकता आई है, इससे उन ताकतों को सबक मिलेगा जो मुल्क को संविधान के रास्ते से हटाना चाहती है।
सीएए और एनआरसी के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि देश के संविधान ने हमें इसका हक दिया है, लेकिन इस बात का ख्याल रखा जाना चाहिए कि विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्वक हो और इससे किसी को परेशानी न हो। मौलाना अब्दुल अब्बास ने कहा कि कुछ ताकतें देश को तोड़ना चाह रही है। तीन तलाक और अनुच्छेद-370 पर हम चुप रहे, लेकिन सीएए पर अब हम चुप नहीं बैठेंगे। जो लोग सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, हम उनके साथ है। देश को तोड़ने वाली ताकतों को उनके मंसूबों में किसी कीमत पर कामयाब नहीं होने दिया जाएगा।